साहित्य अकादमी सम्मान का हुआ एलान, शशि थरूर और नंदकिशोर आचार्य समेत इन नामों की हुई घोषणा
साहित्य अकादमी ने अपने 18-12-2019 को 23 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा कर दी है।
सात कविता संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए यह सम्मान दिया गया।
हिंदी में नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता-संग्रह ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए यह सम्मान दिया जाएगा।
शशि थरूर को अंग्रेजी भाषा में कथेतर गद्य ‘एन एरा ऑफ़ डार्कनेस’ के लिए दिया गया है। उर्दू में ‘शाफ़े किदवई’ को जीवनी ‘सवनेह-ए-सर-सैयद- एक बाज़दीद’ के लिए इस सम्मान की घोषणा हुई है।
बाक़ी भाषाओं में सम्मान पाने वाले साहित्यकार हैं –
असमिया – जय श्री गोस्वामी महंत
बाड्ला – चिन्मय गुहा
बोडो – फुकन चन्द्र
डोगरी – ओम शर्मा
गुजराती- रतिलाल बोरीसागर
कन्नड़ – विजया
कश्मीरी- अब्दुल अहद हाज़िनी
कोंकणी – निलबा खांडेकर
मैथिली – कुमार मनीष
मलयालम- मधुसूदन नायर
मणिपुरी – बेरिल
मराठी- अनुराधा पाटिल
ओड़िया – तरूण कांति
पंजाबी – किरपाल कज़ाक
राजस्थानी- रामस्वरूप किसान
संस्कृत – पेन्ना मधुसूदन
संताली – काली चरण
सिंधी – ईश्वर मूरजाणी
तमिल- धर्मन
तेलुगु – बंदि नारायणा स्वामी
नेपाली भाषा में पुरस्कार अभी घोषित नहीं किया गया है।
क्या दिया जाएगा पुरस्कार में?
साहित्य अकादमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉ़ल और एक लाख रूपए की राशि प्रदान की जाएगी।
घोषित पुरस्कार 25 फरवरी 2020 को नई दिल्ली में आयोजित विशेष साहित्योत्सव में दिए जाएंगे।
छात्रों को किसी करियर विकल्प के स्वरूपको समझने और उसमें निहित संभावनाओं को जानने में मुश्किलें पैदा की हैं । विभिन्न कोर्स के साथ शिक्षण संस्थानों की संख्या में भी इजाफा हुआ है । इनमें अकसर छात्र की महत्वाकांक्षाएं उलझन की भेंटचढ़ जाती हैं ।
इसलिए अपनी क्षमता रुझान और रुचिको परखते हुए सही करियर का निर्णय लेने के लिए करियर काउंसलर की जरूरत पड़ती है । विशेषतौर पर शहरों में रहने वाले लोग लगभग पिछले एक दशक से करियर संबंधित सलाह पाने के लिए करियर काउंसलर मदद ले रहे हैं ।
पेशेवर जगत में सफल होने के लिए छात्र काउंसलिंग के वैज्ञानिक और विधिवत तरीके को चुनते हैं । आज करियर के किसी भी मुकाम में करियर काउंसलिंग लेना फायदेमंद रहता है । फिर चाहे हाई स्कूल से आगे पढ़ाई की बात हो या कुछ अंतराल के बाद दोबारा कार्यक्षेत्र में लौटना हो या फिर उसमें बदलाव करना ही सही काउंसलर इसमें खासे मददगार साबित होते । बशर्ते , यहां हमारी बताई विशेषबातों आप गौर करें
कैसे चुनें सही करियरकाउंसलर ।
एक सही करियर चुनने के लिए , सही करियर काउंसलर से मदद लेना भी आना चाहिए । जानकारी विश्वसनीयता और अनुभवके पैमाने पर सहीकरियरकाउंसलर का चयन किया जा सकता है ।
काउंसलर से जुड़े ऐसे उदाहरणों का पतालगाएं , जिससे पुष्टि हो कि वह किसी को आगे बढ़ाने में मददगार साबित हुआ है । वह लोगों को आगे बढ़ाने का लंबा तज्जुब भी रखता हो ।
जिसने काउंसलिंगकी ताजा शुरुआतीकी हो , उससे मदद लेने में शायद आपको फायदा ना हो । एक डॉक्टर की तरह करियर काउंसलरको भी काउंसलिंगमें जमने में सालों लग जाते हैं । इसके अलावा ध्यान दें कि करियर कातंसलर ने निजी स्तर पर क्लाईट के लिए कितनी जांच – पड़ताल और मेहनत की है ।
काउंसलर से मिलने से पहले उसकी वेबसाइट तक पहुंच बनाएँ व विश्वसनीयता की पड़ताल करें । उनकी कार्य योजना के बारे में पता लगाएं और जानें कि काउंसलिंग का काम कैसे अंजाम देते हैं , ताकि आप कौउंसलर के काम करने के तरीके को लेकर संदेहमुक्त रहें ।
उनकी क्षमता का प्रमाण जानने के लिए पता लगाएं कि वे किस तरह के लोगों की मदद करने में सफल रहे । हैं । अलग – अलग क्षेत्रों के लोगों से मिली राय भी सही करियर काउंसलर चुनने में मददगार है ।
जब आप करियर काउंसलर को खोजने निकलते हैं । तब आपके साथी , दोस्त और परिवार वाले बहुत से विकल्प सुझाने से लेकर कई तरह राय देते हैं ।
व्यक्तिगत मार्गदर्शन लेना अच्छा विकल्प लग सकता है । पर कारगर भी हो , यह यकीन के साथ नहीं कहा जा सकता । चूंकि काउंसलिंग व्यक्तिगत मसला है । इसलिए कोई मार्गदर्शक जो आपके मित्र के लिए अच्छा हो , जरूरी नहीं कि वह आपके लिए भी उतना ही लाभ देने वाला होगा । इसलिए किसी ऐसे करियर काउंसलर को खोजें जो आपके रुचि के क्षेत्र की गहरी समझ रखता हो ।
आखिर में उनकी फीस के में पूछे और सभी रूप से तुलना करने के बाद करियर काउंसलर का चुनाव करें।
मिलने से पहले कैसी हो तैयारी
किसी करियर काउंसलर से मिलने से पहले आपको भी तैयारी करनी पड़ती है । अपनी अकादमिक योग्यताओं के विवरण के साथ अतिरिक्त गतिविधियों के प्रमाण – पत्र भी साथ लेते जाएँ ।
मुलाकात से पहले एक सूची बनाएं , जिसमें शैक्षिक योग्यताओं का विवरण हो । आगे क्या पाने की महत्वाकांक्षा है , इसकी भी सूची बनाएं ।
ध्यान दें कि एक करियर काउंसलर कुछ हद तक मनोवैज्ञानिक की तरह होता है । इसलिए अपनी महत्वाकांक्षाओं को खुलकर कहना बेहद जरूरी है अपने मार्गदर्शक को अपने बारे में बताते समय ईमानदार रहें , ताकि वह आपको सही सलाह दे सके ।
आपको अपने विचारों को लेकर आना चाहिए , ताकि काउंसलर आपके करियर के लक्ष्यों को समझ सके । इसके अलावा , उसकी बात को ध्यान से सुने ताकि वह आपको क्या रास्ता बता रहा है ।
उन रास्तों से संबंधित अपने भय और संशय को जाहिर करना जरूरी है , ताकि बेहतर सलाह पा सके । अपने करियर को लेकर माता – पिता और काउंसलर के साथ खुलकर बातचीत करना मदद करता है ।
अगर आपने कई करियर काउंसलर से सलाह ली है और उनकी सलाह को लेकर स्पष्ट नहीं हैं , तो इस स्थिति उस विकल्प के साथ जाएं , जहां आप खुद को आगे तक काम करते हुए देखपा रहे हैं और वह काम आपके व्यक्तित्व , रुचि और योग्यता अनुरूप हो ।
कैसे करते हैं मदद
एक करियर काउंसलर किसी छात्र के सही मार्गदर्शन के लिए साइकोमैट्रिकटेस्ट लेता है । इस तरह वह उसकी रुचियों और क्षमताओं पता लगाता है ।
डीबीडीए , मैप – टी , सीआईएस , पीएफ – 16 कुछ साइकोमैटिक टेस्ट , जो किसी की क्षमता , रुझान और करियर रुचि को जानने का वैज्ञानिक ढंग हैं । इसके साथ काउंसलर व्यक्तिगत सलाह , वर्कशॉप और शिक्षा मेलों के जरिये छात्रों को अलग – अलग करियर के बारे जानकारी उपलब्ध कराते हैं ।
करियर के तमाम विकल्पों के बारे में बताने के अलावा जरूरत के अनुरूप सही कॉलेज , कोर्स बारे में भी वे बताते हैं । किसी स्टीम के अच्छे और बुरे पक्ष को उजागर करते हैं । इससे छात्र विश्वास के साथ अपने करियर के बारे में स्पष्ट राय और निर्णय ले पाते हैं ।
एक काउंसलर करियर की शुरुआत कर रहे लोगों के लिए ही नहीं , गलत करियर कर रहे लोगों के लिए की सलाह साबित होते है ।
निजी गुणों पर देते हैं ध्यान
काउंसलर अलग – अलग क्षेत्रों की कार्यशैली से परिचित होते हैं । ये अपनी विशेष क्षमता और जानकारी का प्रयोग छात्रों को समझने में लगाते हैं |
छात्रों के उन खास गुणों पर गौर करते हैं , जो उनके लिए सही करियर के चुनाव में महत्वपूर्ण होते या परिचित करियर काठेसलर किसी छात्र या सानो करियर सलाह देने से पहले उसके विश्व वि और योग्यता पर ध्यान देता है ।
वैज्ञानिक है डीबीडीए , मैप – टी , सीआईएस , पीएफ – 16 कुछ साहकोमेट्रिक टेस्ट हैं , जो किसी की क्षमता , रुझान और करियर रुचि को जानने वैज्ञानिक ढग है ।
इसके साथ काउंसलर व्यक्तिगत सलाह , वकिशॉप और करियर फेयर के जरिये छात्रों को अलग – अलग करियर के बारे में जानकारी उपलब्ध कराते हैं ।
‘क्रिकेट बड़ा मज़ेदार खेल है…सच ये है कि मैंने कभी प्रैक्टिस में भी छह छक्के नहीं मारे. बहुत प्यार दिया लोगों. सीने से लगाया, कंधों पर उठाया.’
‘कई बार प्रदर्शन अच्छा नहीं होता था तो सवाल भी उठाए. कामयाबी में सभी साथ हैं लेकिन जब चोट लगती है तो ख़ुद को दर्द का पता चलता है.’
‘जब तक बल्ला चल रहा है, ठाठ चल रहा है. जब बल्ला नहीं चलेगा तो फिर…’
बिड़ला सन लाइफ़ का ये महज़ 46 सेकेंड लंबा विज्ञापन आपको यूट्यूब पर मिल जाएगा.
भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे धमाकेदार हरफ़नमौला खिलाड़ी युवराज सिंह इस ऐड में जो कह रहे हैं, वो हर बात सच लगती है.
युवी ने सोमवार को अपना बल्ला टांगने का ऐलान किया, तो 46 सेकेंड में कही उनकी हर बात और एक लंबा कामयाब करियर आंखों के सामने तैर गया.
युवराज ऐसे खिलाड़ी रहे, जिनके करियर में एक नहीं कई सारे मील का पत्थर हैं.
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कैंसर और विरोधियों को धूल चटाई
वो आक्रामक बल्लेबाज़ी और शानदार फ़ील्डिंग से पहचान बनाने के बाद कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से घिरे.
कैंसर से लड़ने अस्पताल पहुंचे, जूझे और फिर मैदान में लौटे और टीम में जगह बनाई.
अब जब युवराज ने अपने करियर पर फ़ुलस्टॉप लगाने का फ़ैसला किया है, उनके सफ़र के यादगार माइलस्टोन पर नज़र डालना ज़रूरी हो जाता है.
ये वो पांच पारियां हैं जिन्होंने सचिन, सहवाग, गांगुली जैसे विस्फोटक नामों से सजी टीम इंडिया में युवराज सिंह को सबसे ख़तरनाक बल्लेबाज़ से रूप में स्थापित कर दिया.
1. 84 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफ़ी, साल 2000)
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उम्र 18 साल और जिगर ऐसा जैसे कई साल से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम जमा रखे हों. पहली इंटरनेशनल पारी और ग्लेन मैकग्रा जैसे गेंदबाज़ का सामना. 45 रनों के निजी स्कोर पर जीवनदान मिला जिसके बाद युवराज ने 84 रनों की धमाकेदार पारी खेली.
उनकी इस पारी ने टीम को 265 रनों तक पहुंचाया जो उस वक़्त टक्कर देने लायक टोटल माना जाता था. इसके बाद फ़ील्डिंग में अपने जौहर दिखाए. इयान हार्वे का कैच लिया और एक कंगारू बल्लेबाज़ को रन आउट किया. ये मैच भारत हार गया था लेकिन टीम को लंबी रेस का आक्रामक खिलाड़ी मिल गया.
2. 69 रन बनाम इंग्लैंड (नेटवेस्ट फ़ाइनल, साल 2002)
325 रनों का पहाड़ सामने हो और टीम के सारे दिग्गज पवैलियन लौट जाएं तो नतीजे का अंदाज़ लगाना आसाना है. लेकिन युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ़ जैसे युवा और दिलेर पिच पर हों तो अनहोनी को भी होनी में बदला जा सकता है. ये मैच भले सौरव गांगुली के टीशर्ट घुमाने और कैफ़ के पावर पंच के लिए जाना जाता है लेकिन काउंटर अटैक युवी ने शुरू किया था.
जब भारतीयों ने टीवी बंद कर टीम की हार मान ली थी, युवराज ने कैफ़ के साथ मिलकर 121 रन जोड़े और टीम इंडिया की सबसे यादगार जीत की नींव रखी. वो आउट हुए और पवैलियन लौटते हुए उनका चेहरा बता रहा था कि वो किस हद तक ख़ुद टीम को जीत तर पहुंचाना चाहते थे.
3. 139 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (सिडनी, साल 2004)
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वीबी सिरीज़ का सातवां मैच जिसे युवराज सिहं के करियर में विदेश में खेली गई सबसे बेहतरीन पारी में गिना जाता है. इस मैच में उनके साथ टेस्ट मैच के बादशाह माने जाने वाले वीवीएस लक्ष्मण ने 109 रनों की नाबाद पारी खेली थी. ये मैच कंगारू गेंदबाज़ इयान हार्वे को भी याद रहेगा जिनके 49वें ओवर में युवराज ने 22 रन ठोंके थे.
इस मैच में बारिश ने खलल डाला था और मैच भारत ने गंवा दिया लेकिन युवराज की ये पारी भारतीय प्रशंसकों और कंगारू गेंदबाज़, दोनों को अब भी याद होगी.
4. 107 रन बनाम पाकिस्तान (कराची, साल 2006)
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ये युवराज की वो दमदार और समझदारी वाली पारी थी जिसने पाकिस्तान में पाकिस्तान के ख़िलाफ़ टीम इंडिया को 4-1 की शानदार जीत दी. इस मैच में पाकिस्तान ने पहले खेलते हुए 50 ओवर में 288 रनों का पहाड़ खड़ा किया. सलामी बल्लेबाज़ राहुल द्रविड़ और गौतम गंभीर की रवानगी के बाद युवराज ने अपना धमाकेदार स्टाइल दिखाया.
सामने महेंद्र सिंह धोनी खड़े थे जिसकी वजह से युवराज पर दबाव भी कम होता रहा. 64 रनों पर उन्हें जीवनदान मिला जिसका उन्होंने पूरा फ़ायदा उठाया और आठ विकेट से टीम इंडिया को जीत तक पहुंचा दिया.
5. 57 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया (अहमदाबाद, साल 2011)
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रिकी पॉन्टिंग ने अपने आख़िरी विश्व कप मुकाबले में शानदार शतक लगाया और कंगारू टीम 260 रनों तक पहुंची. लेकिन ये मैच भी युवराज सिंह की पारी और उनकी दहाड़ के लिए याद रखा जाता है. नाज़ुक मोड़ पर उन्होंने टिककर खेला और फिर बाद में आक्रामक रुख़ अख़्तियार किया.
इस मैच में युवराज बल्ले ही नहीं, गेंद से भी चमके. उन्होंने दस ओवर में 44 रन देकर दो विकेट चटकाए. पाकिस्तान के साथ सेमीफ़ाइनल तय करने के लिए ये मैच जीतना ज़रूरी था और युवराज ने वही किया.
देश के नए मंत्रिमंडल में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो चुका है। अमित शाह को देश का नया गृह मंत्री बनाया गया है। वहीं रक्षा और वित्त विभाग भी टॉप मंत्रियों को सौंपे गए हैं। चलिए जानते हैं कि कैबिनेट के ये बड़े मंत्री कितना पढ़े लिखे हैं और इनके पास कितनी संपत्ति है-
राजनाथ सिंह – फोटो : PTI
राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह (67) को रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। उन्होंने एमएससी की डिग्री हासिल की है। वहीं अगर संपत्ति की बात करें तो उनके पास पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है। राजनाथ सिंह उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं। वह दो बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष रह चुके हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
राजनाथ सिंह को 2014 में भी टॉप चार मंत्रियों में जगह मिली थी। वह 70 के दशक से ही संघ से जुड़े हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह का करीबी माना जाता है।
स्मृति ईरानी – फोटो : सोशल मीडिया
स्मृति ईरानी
स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास और कपड़ा मंत्रालय सौंपा गया है। उन्होंने 12वीं तक शिक्षा प्राप्त की है। उनके पास 11 करोड़ रुपये की संपत्ति है। ईरानी दो बार राज्यसभा सांसद रही हैं।
इस बार स्मृति ईरानी ने उत्तर प्रदेश के अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव में करारी मात दी है। उनका जीतना इसलिए भी अधिक खास है क्योंकि उन्होंने कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाले अमेठी से ये जीत हासिल की है। सरकार के पहले कार्यकाल में वे कपड़ा मंत्री थीं।
रविशंकर प्रसाद – फोटो : ANI
रविशंकर प्रसाद
सरकार के पहले कार्यकाल में कानून मंत्री रहे रविशंकर प्रसाद (64) को इस बार कानून एवं न्याय, संचार, इलेक्ट्रोनिक्स एवं सूचना तकनीकी मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। प्रसाद ने पटना साहिब लोकसभा सीट से पहली बार चुनाव लड़ाकर कांग्रेस के शत्रुघन सिन्हा को हराया।
रविशंकर प्रसाद ने कानून की पढ़ाई की है। उनके पास 23 करोड़ रुपये की संपत्ति है। उन्हें राजनीति का अच्छा खासा अनुभव है। वह भाजपा के पूर्व प्रवक्ता हैं और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भी पार्टी में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
अश्विनी चौबे – फोटो : File Photo
अश्विनी चौबे
अश्विनी चौबे (66) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राज्यमंत्री का कार्यभार मिला है। चौबे ने ग्रेजुएशन तक पढ़ाई की है और उनके पास 4 करोड़ रुपये की संपत्ति है।
अमित शाह के करीबी माने जाने वाले चौबे दूसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं। वह बिहार भाजपा का ब्राह्मण चेहरा हैं। इसके अलावा वह पिछली सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।
राजकुमार सिंह – फोटो : social media
राजकुमार सिंह
राजकुमार सिंह (66) को ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) सौंपा गया है। सिंह ने कानून की पढ़ाई की है और उनके पास सात करोड़ रुपये की संपत्ति है। नीतिगत मामलों के जानकार माने जाने वाले सिंह दूसरी बार सांसद बने हैं। वह पूर्व गृह सचिव भी रह चुके हैं।
निर्मला सीतारमण – फोटो : ANI
निर्मला सीतारमण
पूर्व रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण (59) को इस बार वित्त तथा कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है। उन्होंने एम फिल तक पढ़ाई की है और उनके पास 2.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है। सीतारमण को आर्थिक जानकार माना जाता है। वह प्राइस वाटर हाउस कूपर्स में रिसर्चर रह चुकी हैं। सीतारमण दक्षिण भारत में भाजपा का चेहरा हैं।
नितिन गडकरी – फोटो : ANI
नितिन गडकरी
नागपुर लोकसभा सीट से जीत हासिल करने वाले नितिन गडकरी (62) को सड़क परिवहन, राजमार्ग एवं सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का कार्यभार मिला है। सरकार के पहले कार्यकाल में वह केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री थे। प्रसाद ने कानून की शिक्षा हासिल की है और उनके पास 18 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वहीं अगर अनुभव देखें तो वह महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और पूर्व भाजपा अध्यक्ष भी हैं।
पीयूष गोयल – फोटो : PTI
पीयूष गोयल
पीयूष गोयल (55) राज्यसभा सांसद हैं। इस बार उन्हें रेलवे और वाणिज्य उद्योग मंत्रालय मिला है। साल 2014 से 2017 तक उन्होंने बिजली, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पदभार संभाला था। इसके बाद उन्हें रेल मंत्रालय का महत्वपूर्ण पदभार भी सौंपा गया था।
गोयल ने बीकॉम, एलएलबी और सीए की पढ़ाई की है। उनके पास 30 करोड़ रुपये की संपत्ति है। गोयल के पास राजनीति का 32 साल का अनुभव है और वह भाजपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं। गोयल आर्थिक मामलों के जानकार भी हैं।
हरसिमरत कौर बादल – फोटो : Facebook
हरसिमरत कौर
हरसिमरत कौर (53) बठिंडा से सांसद हैं। सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय का कार्यभार मिला है। वह शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हैं। इससे पहले वह पंजाब में उप-मुख्यमंत्री का पद संभाल चुकी हैं। हरसिमरत के पास टेक्सटाइल में डिप्लोमा है। उनके पास 218 करोड़ रुपये की संपत्ति है। वह पिछली सरकार में भी मंत्री थीं।
नरेंद्र सिंह तोमर – फोटो : File Photo
नरेंद्र सिंह तोमर
सरकार के दूसरे कार्यकाल में नरेंद्र सिंह तोमर (61) को कृषि एवं कृषक कल्याण, ग्रामीण विकास, पंचायती राज मंत्रालय मिला है। उन्होंने बीए की पढ़ाई की है। तोमर के पास 2.5 करोड़ रुपये की संपत्ति है। तोमर मध्यप्रदेश भाजपा के सफल अध्यक्षों में से एक। वह लंबे समय से भाजपा संगठन में काम कर रहे हैं।
बाबुल सुप्रियो – फोटो : Twitter
बाबुल सुप्रियो
बाबुल सुप्रियो (48) को पर्यावरण, वन एवं जलवायु मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार मिला है। सुप्रियो ने बीकॉम तक पढ़ाई की है और उनके पास पांच करोड़ रुपये की संपत्ति है। पांच साल से बंगाल की राजनीति में सक्रिय सुप्रियो दूसरी बार लोकसभा पहुंचे हैं। वह पिछली सरकार में खेल मंत्री थे। उन्होंने भारी उद्योग राज्यमंत्री के तौर पर अच्छा काम किया है।
अमित शाह – फोटो : ANI
अमित शाह
अमित शाह (54) को गृह मंत्रालय का कारोभार सौंपा गया है। उन्होंने बीएससी की डिग्री प्राप्त की है और उनके पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है। शाह गुजरात में गृहमंत्री, यूपी चुनाव प्रभारी और भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं। शाह को पीएम मोदी का खास माना जाता है और वह 90 के दशक से राजनीति में सक्रिय हैं।
प्रताप चंद्र सारंगी – फोटो : File Photo
प्रताप चंद्र सारंगी
ओडिशा में मिसाइल टेस्टिंग के लिए प्रसिद्ध बालासोर लोकसभा क्षेत्र से इस बार भाजपा प्रतापचंद्र सारंगी सांसद चुने गए हैं। उन्हें एमएसएमई, पशु संवर्धन डेयरी एवं मत्स्य मंत्रालय में राज्य मंत्री का कार्यभार मिला है। सारंगी ने ग्रेजुएशन किया है और उनके पास 13 लाख रुपये की संपत्ति है। वह ओडिशा में ब्राह्मण नेता हैं और सबसे कम संपत्ति वाले सांसदों में से एक हैं।
मोदी कैबिनेट में कुल 57 मंत्रियों को मिली जिम्मेदारी- देखें पूरी लिस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के कैबिनेट का हुआ विस्तार- देखें पूरी लिस्ट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राजग सरकार में अमित शाह को गृह मंत्रालय और राजनाथ को रक्षा मंत्रालय का प्रभार दिया गया. राष्ट्रपति भवन के प्रवक्ता ने इस आशय की जानकारी दी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पास कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, परमाणु ऊर्जा एवं महत्वपूर्ण नीति से जुड़े मुद्दों वाले तथा बिना आवंटित विभाग रहेंगे. पूर्व विदेश सचिव रहे एस जयशंकर भारत के नए विदेश मंत्री बनाए गए हैं. अमेठी की सांसद स्मृति ईरानी को महिला एवं बाल विकास तथा कपड़ा मंत्रालय मिला. पीयूष गोयल फिर से रेल मंत्री बनाये गए हैं. निर्मला सीतारमण को वित्त मंत्रालय का प्रभार दिया गया है जबकि प्रकाश जावड़ेकर को सूचना एवं प्रसारण तथा वन एवं पर्यावरण मंत्रालय दिया गया है. देखें पूरी लिस्ट-
नरेंद्र मोदी – कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय; परमाणु ऊर्जा विभाग; अंतरिक्ष विभाग; तथा सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे
राजनाथ सिंह – रक्षा मंत्री
अमित शाह – गृह मंत्री
डॉ. सुब्रमण्यम जयशंकर – विदेश मंत्री
नितिन गडकरी – परिवहन मंत्री, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री
डीवी सदानंद गौड़ा – रसायन और उर्वरक मंत्री
निर्मला सीतारमण – वित्त मंत्री, कॉपोरेट मामलों की मंत्री
रामविलास पासवान – उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री
नरेंद्र सिंह तोमर – कृषि और किसान कल्याण मंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री; तथा पंचायती राज मंत्री
रवि शंकर प्रसाद – कानून और न्याय मंत्री, संचार मंत्री; तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री
हरसिमरत कौर बादल – खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री
थावर चंद गहलोत – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
रमेश पोखरियाल ‘निशंक’- मानव संसाधन विकास मंत्री
अर्जुन मुंडा – जनजातीय मामलों के मंत्री
स्मृति जुबिन ईरानी – महिला और बाल विकास मंत्री; और कपड़ा मंत्री
डॉ. हर्षवर्धन – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री; विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री; तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री
प्रकाश जावड़ेकर – पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री; तथा सूचना और प्रसारण मंत्री
पीयूष गोयल – रेल मंत्री; तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्री
धर्मेंद्र प्रधान – पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री; तथा इस्पात मंत्री
अब्बास नकवी – अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री
प्रह्लाद जोशी – संदीय कार्यमंत्री, कोयला मंत्री; तथा खान मंत्री
डॉ. महेंद्र नाथ पांडे – कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री
अरविंद गणपत सावंत – भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री
गिरिराज सिंह – पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्री
गजेंद्र सिंह शेखावत – जल शक्ति मंत्री
राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
संतोष कुमार गंगवार – श्रम और रोजगार मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
राव इंद्रजीत सिंह – सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा योजना मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
श्रीपद नाईक – आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी (आयुष) मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
जीतेंद्र सिंह – उत्तर पूर्वी क्षेत्र के विकास मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री; कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री; परमाणु ऊर्जा विभाग में राज्य मंत्री; तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्य मंत्री
किरण रिजिजू – युवा मामलों और खेल मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
प्रह्लाद सिंह पटेल – संस्कृति मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा पर्यटन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
राज कुमार सिंह – ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
हरदीप सिंह पुरी – आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); नागरिक उड्डयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
मनसुख एल मंडाविया – जहाजरानी मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); तथा रसायन और उर्वरक मंत्रालय में राज्य मंत्री
राज्य मंत्री
फग्गन सिंह कुलस्ते – इस्पात मंत्रालय में राज्य मंत्री
अश्विनी कुमार चौबे – स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
अर्जुन कुमार मेघवाल – संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री; तथा भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री
जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह – सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री
कृष्ण पाल – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
दानवे रावसाहेब दादाराव – उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री
जी किशन रेड्डी – गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
पुरुषोत्तम रुपाला – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
रामदास अठावले – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
साध्वी निरंजन ज्योति – ग्रामीण विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री
बाबुल सुप्रियो – पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री
संजीव कुमार बालियान – पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री
धोत्रे संजय शमराव – मानव संसाधन विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री; संचार मंत्रालय में राज्य मंत्री; तथा इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री
अनुराग ठाकुर – वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री; तथा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
अंगदी सुरेश चन्नाबसप्पा – रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री
नितत्यानंद राय – गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री
रतन लाल कटारिया – जल शक्ति मंत्रालय में राज्य मंत्री; और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री
वी मुरलीधरन – विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री; और संसदीय कार्य मंत्रालय में राज्य मंत्री
रेणुका सिंह सरौता – जनजातीय मामलों के मंत्रालय में राज्य मंत्री
सोम प्रकाश – वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
रामेश्वर तेली – खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री
प्रताप चंद्र सारंगी – सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री; और पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन मंत्रालय में राज्य मंत्री
कैलाश चौधरी – कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री
देबश्री चौधरी – महिला और बाल विकास मंत्रालय में राज्य मंत्री